kanchan singla

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सहयात्री एक प्रश्न...??

मैं जब जब मेरे संग चलता हूं 
मैं स्वयं का सहयात्री बन जाता हूं
जब मैं किसी और के साथ चलता हूं
तब मैं उनका सहयात्री बन जाता हूं

सहयात्री कौन होता है...??
एक बेहद खास सा प्रश्न मन में उठता है
जब हम किसी आत्मा संग यात्रा करते हैं
तब हम उस आत्मा के सहयात्री कहलाते हैं।

क्या सिर्फ किसी के साथ यात्रा करने भर से कोई सहयात्री बन जाता है....??
है नहीं जरूरी संग संग चलने वाला सहयात्री ही हो
मन और आत्मा जिसके साथ होकर भी साथ ना हो वह सहयात्री नहीं बन पाते।

क्या हम स्वयं के भी सहयात्री बन सकते हैं...??
अपने अंतर्मन संग यात्रा करने पर हम स्वयं के सहयात्री कहलाते हैं।
अंतर्मन की यात्रा एक बोध है, स्वयं को स्वयं से जोड़ने का 
विस्तृत मार्ग है।

सहयात्री का सच्चा अर्थ क्या है...??
एक सच्चा सहयात्री सही अर्थों में एक सच्चा मन है
ऐसा मन जिससे जुड़ने पर आप स्वयं को भी पहचान लेते हैं
एक ऐसा मन जिसमें कोई छल कपट नहीं होता
एक ऐसा मन जिससे आप अपनी भावनाएं सरलता से व्यक्त कर पाते हैं।।

लेखिका - कंचन सिंगला
लेखनी प्रतियोगिता -13-Nov-2022


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6 Comments

Gunjan Kamal

16-Nov-2022 07:34 PM

शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻

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बहुत सुन्दर 💐👌

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Sachin dev

14-Nov-2022 03:54 PM

बहुत सुन्दर रचना

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